पितृ दोष निवारण मंत्र (Pitra Dosha Nivaran Mantra): पितृ दोष निवारण मंत्र एक महत्वपूर्ण मंत्र है। पितृ दोष को दूर करने के लिए ये मंत्र काफी प्रभावशाली होता है। पितृ दोष कुंडली में एक विशेष योगकारक योग होता है। किसी व्यक्ति के पूर्वजों के अच्छे या बुरे कर्मों के बदले में इसका उदय होता है। पितृ दोष होने से व्यक्ति और उसके परिवार के सदस्यों को दुख और संकटों का सामना करना पड़ता है। पितृ दोष पूर्वजो की आत्मा के शांति को प्रभावित करता है और व्यक्ति के जीवन में समस्याओं और बाधा का कारण बन सकता है।
श्राद्ध और पितृ पक्ष में पितृ दोष शांति के उपाय करना काफी उपयोगी माना गया है। पितृ दोष निवारण मंत्र का पितृ पक्ष में जाप करके व्यक्ति अपने पूर्वजों के आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना कर सकता है और इसके प्रभाव को कम कर सकता है।
यहाँ एक पितृ दोष निवारण मंत्र दिया गया है इसका जाप करके आप अपने पितरो की शांति की कामना कर सकते है, इसके आलावा कुछ मन्त्र और भी है जो आपको नीचे लेख में मिल जाएंगे:
“ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नमः।
पितृ दोष हरणं कुरु कुरु स्वाहा।”
पितृ दोष (Pitra Dosha) क्या होता है:
पितृ दोष किसी के जन्मकुंडली में पाया जा सकता है। पितृदोष हमारे पूर्वजों के अच्छे और बुरे कर्मों के परिणाम स्वरुप हमारे जीवन को प्रभावित करता है। पितृ दोष कुंडली में होने से व्यक्ति के परिवार में धनहानि, स्वास्थ्य समस्याएं, नौकरी की समस्या, आकस्मिक मौत और विभिन्न प्रकार की समस्याएं आती रहती है। इसलिए पितृदोष निवारण और शांति के उपाय करना आवश्यक है। पितृ दोष निवारण मंत्र जा जाप करके पितृदोष को शांत किया जा जा सकता है।
पितृ दोष निवारण का महत्व:
पितृ दोष काफी नुक्सान दे सकता है, इसलिए इसके निवारण का महत्व हिन्दू धर्म में काफी माना जाता है। पितृ दोष के कारण व्यक्ति के पूर्वज आत्माओं को शांति नहीं मिल पाती है और उनके परिवार के सदस्यों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है। इसलिए, लोग पितृ दोष को निवारण करने के उपायों की खोज करते हैं, जैसे मंत्र जाप, पूजा, दान, और तीर्थ यात्रा।
पितृ दोष निवारण मंत्र:
पितृ दोष निवारण मंत्र निम्न है, इनका जाप करके आप पूर्वजो की आत्मा की शांति की प्रार्थना कर सकते है :
मन्त्र 1 – ॐ सर्व पितृ देवताभ्यो नमः ।।
मन्त्र 2 – ॐ प्रथम पितृ नारायणाय नमः ।।
मन्त्र 3 – ॐ नमो भगवते वासुदेवाय ।।
भगवान शिव जी के सामने बैठ कर मंत्र को जपने से पितृ बाधा दूर हो जाती है इससे आप सुबह या शाम को कर सकते हो !
मंत्र : “ॐ तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय च धीमहि तन्नो रुद्रः प्रचोदयात”
ब्रह्म पुराण (२२०/१४३ ) में पितृ गायत्री मंत्र दिया गया है, जो प्रभावशाली है प्रतिदिन 1 माला या अधिक जाप करने से पितृ दोष में अवश्य लाभ होता है !
मंत्र : देवताभ्यः पित्रभ्यश्च महा योगिभ्य एव च ! नमः स्वाहायै स्वधायै नित्यमेव नमो नमः
पितृ दोष निवारण मंत्र PDF
पित्र दोष से मुक्त करने का अचूक स्त्रोत का नित्य पाठ भी करे :
पितृ देव स्तोत्र | Pitru Dev Stotra
अर्चितानाममूर्तानां पितृणां दीप्ततेजसाम् ।
नमस्यामि सदा तेषां ध्यानिनां दिव्यचक्षुषाम्।।
इन्द्रादीनां च नेतारो दक्षमारीचयोस्तथा ।
सप्तर्षीणां तथान्येषां तान् नमस्यामि कामदान् ।।
मन्वादीनां च नेतार: सूर्याचन्दमसोस्तथा ।
तान् नमस्यामहं सर्वान् पितृनप्युदधावपि ।।
नक्षत्राणां ग्रहाणां च वाय्वग्न्योर्नभसस्तथा।
द्यावापृथिवोव्योश्च तथा नमस्यामि कृताञ्जलि:।।
देवर्षीणां जनितृंश्च सर्वलोकनमस्कृतान्।
अक्षय्यस्य सदा दातृन् नमस्येहं कृताञ्जलि:।।
प्रजापते: कश्पाय सोमाय वरुणाय च ।
योगेश्वरेभ्यश्च सदा नमस्यामि कृताञ्जलि:।।
नमो गणेभ्य: सप्तभ्यस्तथा लोकेषु सप्तसु ।
स्वयम्भुवे नमस्यामि ब्रह्मणे योगचक्षुषे ।।
सोमाधारान् पितृगणान् योगमूर्तिधरांस्तथा ।
नमस्यामि तथा सोमं पितरं जगतामहम् ।।
अग्रिरूपांस्तथैवान्यान् नमस्यामि पितृनहम् ।
अग्रीषोममयं विश्वं यत एतदशेषत:।।
ये तु तेजसि ये चैते सोमसूर्याग्रिमूर्तय:।
जगत्स्वरूपिणश्चैव तथा ब्रह्मस्वरूपिण:।।
तेभ्योखिलेभ्यो योगिभ्य: पितृभ्यो यतामनस:।
नमो नमो नमस्तेस्तु प्रसीदन्तु स्वधाभुज।।
पितृ दोष निवारण मंत्र का जाप:
पितृ दोष निवारण मंत्र का नियमित जप करने से व्यक्ति को अपने पूर्वजों के प्रति आदर और समर्पण की भावना बढ़ती है, और उनके द्वारा किए गए कर्मों के परिणाम को शांति से स्वीकार करने में मदद मिलती है।
ध्यान देने योग्य बातें:
1. पितृ दोष निवारण मंत्र का जाप समर्पण और श्रद्धापूर्वक करें।
2. इस मंत्र का नियमित जप करने से फायदा हो सकता है, लेकिन यह भी महत्वपूर्ण है कि आप इसे अपने गुरु या पंडित के मार्गदर्शन में करें।
3. पितृ दोष को निवारण के लिए आपको ध्यान, पूजा, दान, और तीर्थ यात्रा जैसे अन्य उपायों का भी अनुसरण करना चाहिए।
पितृ दोष निवारण मंत्र का जाप और इसके साथ ही श्रद्धा और समर्पण के साथ किया जाना चाहिए ताकि आपके पूर्वजों की आत्मा को शांति मिले और आपका जीवन सुखमय और समृद्ध हो।
इस मंत्र को प्रात: उठकर बार-बार जपने से पितृ दोष के कारण आने वाली समस्याओं में सुधार हो सकता है। इसके अलावा, पितृ दोष निवारण के लिए व्यक्ति को अपने पूर्वजों के प्रति श्रद्धा और समर्पण भी दिखाना चाहिए। पितृ दोष निवारण मंत्र का नियमित जप करने से पितृ आत्मा को शांति मिल सकती है और व्यक्ति की जीवन में सुख-शांति का अनुभव हो सकता है।
कृपया ध्यान दें कि मंत्र का जाप करने से पहले आपको अपने गुरु या पंडित से सलाह लेनी चाहिए, और इसका उच्चारण ध्यानपूर्वक और श्रद्धापूर्वक करना चाहिए।
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