नव दुर्गा बीज मंत्र
नौ देवियों के 9 बीज मंत्र हिन्दू धर्म में अत्यधिक महत्वपूर्ण हैं। ये मंत्र नौ शक्तिपीठों की नौ महत्वपूर्ण देवियों को समर्पित किए गए हैं, और इनका जाप भक्तों के जीवन में सुख, शांति, और समृद्धि की प्राप्ति में मदद करता है। ये बीज मंत्र भक्तों के मानसिक, आत्मिक, और शारीरिक विकास में भी सहायक होते हैं।
नौ देवियों के बीज मंत्रों का महत्व भारतीय संस्कृति में अत्यधिक है, और इन्हें विशेष अवसरों पर, जैसे कि नवरात्रि, दुर्गा पूजा, और नववर्ष, पर अधिक ध्यान से जाप किया जाता है। इन मंत्रों का उच्चारण और ध्यान धारण करने से भक्त देवी दुर्गा की कृपा प्राप्त करते हैं और अपने जीवन को सफलता, खुशियाँ, और आनंद से भर देते हैं।
नौ देवियों के बीज मंत्रों का जाप एक अद्वितीय ध्यान तथा आध्यात्मिक अनुभव का भी हिस्सा है। इन मंत्रों का जाप अकेले या समूह में किया जा सकता है, और यह एक उच्च आध्यात्मिक अवस्था की ओर बढ़ने में मदद करता है। इन मंत्रों के माध्यम से भक्त अपनी आत्मा के साथ जुड़कर अध्यात्मिक जगहों तक पहुँच सकते हैं।
1. मां शैलपुत्री बीज मंत्र:
ह्रीं शिवायै नम:।
प्रार्थना मंत्र
वन्दे वाञ्छितलाभाय चन्द्रार्धकृतशेखराम्।
वृषारूढां शूलधरां शैलपुत्रीं यशस्विनीम्॥
स्तुति मंत्र
या देवी सर्वभूतेषु माँ शैलपुत्री रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥
2. मां ब्रह्मचारिणी बीज मंत्र:
ह्रीं श्री अम्बिकायै नम:।
प्रार्थना मंत्र
दधाना कर पद्माभ्यामक्षमाला कमण्डलू।
देवी प्रसीदतु मयि ब्रह्मचारिण्यनुत्तमा॥
स्तुति मंत्र
या देवी सर्वभूतेषु माँ ब्रह्मचारिणी रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥
3. मां चन्द्रघण्टा बीज मंत्र:
ऐं श्रीं शक्तयै नम:।
प्रार्थना मंत्र
पिण्डज प्रवरारूढा चण्डकोपास्त्रकैर्युता।
प्रसादं तनुते मह्यम् चन्द्रघण्टेति विश्रुता॥
स्तुति मंत्र
या देवी सर्वभूतेषु माँ चन्द्रघण्टा रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥
4. मां कूष्मांडा बीज मंत्र:
ऐं ह्री देव्यै नम:।
प्रार्थना मंत्र
सुरासम्पूर्ण कलशं रुधिराप्लुतमेव च।
दधाना हस्तपद्माभ्यां कूष्माण्डा शुभदास्तु मे॥
स्तुति मंत्र
या देवी सर्वभूतेषु माँ कूष्माण्डा रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥
5. मां स्कंदमाता बीज मंत्र:
ह्रीं क्लीं स्वमिन्यै नम:।
प्रार्थना मंत्र
सिंहासनगता नित्यं पद्माञ्चित करद्वया।
शुभदास्तु सदा देवी स्कन्दमाता यशस्विनी॥
स्तुति मंत्र
या देवी सर्वभूतेषु माँ स्कन्दमाता रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥
6. मां कात्यायनी बीज मंत्र:
क्लीं श्री त्रिनेत्रायै नम:।
प्रार्थना मंत्र
चन्द्रहासोज्ज्वलकरा शार्दूलवरवाहना।
कात्यायनी शुभं दद्याद् देवी दानवघातिनी॥
स्तुति मंत्र
या देवी सर्वभूतेषु माँ कात्यायनी रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥
7. मां कालरात्रि बीज मंत्र:
क्लीं ऐं श्री कालिकायै नम:।
प्रार्थना मंत्र
एकवेणी जपाकर्णपूरा नग्ना खरास्थिता।
लम्बोष्ठी कर्णिकाकर्णी तैलाभ्यक्त शरीरिणी॥
वामपादोल्लसल्लोह लताकण्टकभूषणा।
वर्धन मूर्धध्वजा कृष्णा कालरात्रिर्भयङ्करी॥
स्तुति मंत्र
या देवी सर्वभूतेषु माँ कालरात्रि रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥
8. मां महागौरी बीज मंत्र:
श्री क्लीं ह्रीं वरदायै नम:।
प्रार्थना मंत्र
श्वेते वृषेसमारूढा श्वेताम्बरधरा शुचिः।
महागौरी शुभं दद्यान्महादेव प्रमोददा॥
स्तुति मंत्र
या देवी सर्वभूतेषु माँ महागौरी रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥
9. मां सिद्धिदात्री बीज मंत्र:
ह्रीं क्लीं ऐं सिद्धये नम:।
प्रार्थना मंत्र
सिद्ध गन्धर्व यक्षाद्यैरसुरैरमरैरपि।
सेव्यमाना सदा भूयात् सिद्धिदा सिद्धिदायिनी॥
स्तुति मंत्र
या देवी सर्वभूतेषु माँ सिद्धिदात्री रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥
इन नौ देवियों के बीज मंत्रों का नियमित रूप से जाप करने से भक्त देवी दुर्गा की कृपा प्राप्त करते हैं और अपने जीवन में सुख, समृद्धि, और सफलता की प्राप्ति में सफल होते हैं।
नौ देवियों के बीज मंत्रों का जाप ध्यान की गहरी स्थिति में लाता है और मानव जीवन के सभी पहलुओं में साहस, आत्मविश्वास, और सहायता प्रदान करता है। यह आत्मा के सुख को बढ़ावा देता है और व्यक्ति को उच्च स्तर की आध्यात्मिक जगहों की ओर ले जाता है।
इन मंत्रों का महत्व ध्यान, तपस्या, और आध्यात्मिक अद्वितीयता की ओर जाने में मदद करता है, और व्यक्ति को अपने आत्मा के साथ मिलकर जीवन के सभी पहलुओं में सफलता प्राप्त करने में मदद करता है। इन मंत्रों के माध्यम से भक्त अपने आप को दुखों और संकटों से मुक्ति प्रदान करते हैं और एक उच्च आध्यात्मिक जीवन की ओर अग्रसर होते हैं।
नौ देवियों के 9 बीज मंत्रों के जाप लाभ :
1. आत्मशक्ति: इन मंत्रों का नियमित जाप करने से आपको आत्मविश्वास और साहस में वृद्धि होती है, जो जीवन की हर कठिनाइयों को पार करने में मदद करता है।
2. आध्यात्मिक साक्षरता: ये मंत्र आपको आध्यात्मिक जागरूकता में वृद्धि करने में मदद करते हैं, और आपको आत्मा के आगे की यात्रा की ओर बढ़ने में मदद करते हैं।
3. आंतरिक शांति: इन मंत्रों का नियमित जाप मानसिक शांति और ध्यान में स्थिरता प्रदान करता है, जिससे तनाव और चिंता कम होती हैं।
4. सुख-शांति: ये मंत्र भक्तों को सुख, शांति, और समृद्धि की प्राप्ति में मदद करते हैं, और जीवन को प्राकृतिक रूप से बलवान बनाते हैं।
नौ देवियों के 9 बीज मंत्रों का जाप करने का सही तरीका निम्नलिखित है:
1. पूर्व तय करें: पहले तो आपको नौ देवियों का नाम, बीज मंत्र, और मंत्र का उच्चारण करने की आसन स्थान का चयन करना होता है।
2. ध्यान स्थिति: आसन का चयन करके, आपको ध्यान बैठना होता है और अपने मन को शांत करना होता है।
3. मंत्र उच्चारण: फिर, आपको चुने गए बीज मंत्र का उच्चारण करना होता है, जो एकाग्रचित्त स्थिति में किया जाता है। आप प्रत्येक देवी के मंत्र का 108 बार जाप कर सकते हैं या उनके अनुसार जितना भी संभावना हो।
4. ध्यान और धारणा: मंत्र का उच्चारण करते समय, आपको देवी की चित्रणा और उनके दिव्य स्वरूप का ध्यान और धारणा करना होता है।
5. समापन: मंत्र जाप के बाद, आप ध्यान में पुनः स्थिर होते हैं और धन्यवाद देते हैं।
नौ देवियों के 9 बीज मंत्रों का नियमित जाप स्वाध्याय और आध्यात्मिक उन्नति में मदद कर सकता है और आपको आपके आध्यात्मिक मार्ग पर सफलता दिलाने में सहायक हो सकता है।
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